जमी पर आतिश की कुछ चिनगारीयां
शाएद ये कोंई खास पल है ..
लोग खुश है , लोग उत्साहित है
उत्सवधर्मिता फजाओं मे घुली सी है
उत्साह एक आने वाले कल का ,
कल के नए सपनो का, नयी इच्छाओं का , वादों का ,खुशिओं का
उस अनदेखे कल का जो हम उम्मीद करते है सुखद हो ..
कल कोंई २६/११ न हो , कल कोंई रेस्सेसन न आये,
कल कोंई अपना न छूटे , कल कोंई दिल न टूटे ,
कल सूरज एक नयी रोशनी लाये ,
कल फजाएं एक नया गीत गुनगुनाएं .
कल हम अपने सपनो के ओर भागें
और मुट्ठी मे भर लायें
कल वो कल आये जब हम खुशिओं को घर लायें ....